पल दो पल बैठे थे पास
न कोई शिकवा ना फरियाद
आज भी है और कल भी रहेंगे
दोस्त मेरे जो थे वो खास
दोस्त नहीं करता अभिमान
दोस्त नहीं होता धनवान
दोस्त दुआ में रहता है
दोस्त खुदा की है पहचान
कृष्ण सुदामा मित्र हुए
थे
नेत्र नीर से पग धोये थे
उनकी दोस्ती थी अनमोल
एक राजा एक रंक हुए थे .
HAPPY FRIENDSHIP DAY
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