करें कुबूल दुआ सलाम
हो मुबारक ईद की शाम......
मीठी सेवइयां ढेरों मिठाइयां
भर जाये जीवन में खुशियां
मिट जाये सब मैल तमाम
हो मुबारक ईद की शाम .....
प्रेम से बढ़कर धर्म नहीं है
धर्म पे होता अधर्म यहीं है
सब धर्मों में एक पैगाम
हो मुबारक ईद की शाम ......
एक ही जग के होते स्रष्टा
एक ही जग के होते हन्ता
उनको पुकारें किसी भी नाम
हो मुबारक ईद की शाम .......
हर मजहब में चाँद है सुन्दर
दिन को राह दिखाते दिनकर
देती सितारें जगमग शाम
हो मुबारक ईद की शाम ........ .
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