वृक्ष हमें तो जीवन देती
सांसों में खुश्बू भर देती
सूरज की किरणों से बचाती
नभ से जल की बूंदे लाती
हरियाली वृक्षों की न्यारी
धरती लगती प्यारी-प्यारी
कोयल गाती कुहू-कुहू कर
पेड़ों की डाली में छुपकर
वृक्षों की छाया फल-फूल
प्राण-पोषण के अनुकूल
नदी,पर्वत पेड़ और जंगल
देव रूप बन करता मंगल
पीपल बरगद और आंवला
पेड़ है ये सब पूजा-वाला
हर घर शोभे तुलसी पावन
ईश समर्पित सुख-मय आँगन
पर्यावरण पर प्राणी आश्रित
इक-दूजे से होते प्रभावित
प्रकृति की हर घटक बचाये
पर्यावरण को स्वस्थ बनाये.
भारती दास ✍️