Saturday, 25 August 2018

अभिनंदन है उर से वंदन


अभिनंदन है उर से वंदन
आया फिर से रक्षा बंधन....
करूण-नयन से नीर ना बहते
संग हमारे भाई होते
याद उन्हें करते हैं हर-क्षण
आया फिर से रक्षा बंधन....
था खुशियों से हँसता आँगन
एक-दूजे में था अपनापन
था अनुरागी प्यारा बचपन
आया फिर से रक्षाबंधन....
दूर रहे या पास में हो सब
दुआ अनेकों तुमसे है रब
हो दीर्घायु भाई का जीवन
आया फिर से रक्षाबंधन....        


Sunday, 19 August 2018

जग को छोड़ चले अटल

जग को छोड़ चले अटल
मन सबका करके विकल
उर का स्पंदन टूट गया
बंधन सारे छूट गया.
शोकाकुल है देश का घर-घर
रो उठा धरती और अंबर
वे थे ओजस्वी कवि प्रखर
जननायक वक्ता मुखर.
था पौरुष उनमें ओतप्रोत
बहता हृदय से नेह का स्त्रोत
तपस्वी सा सुन्दर व्यवहार
व्यक्तित्व था उनका सरल उदार.
सुनहली रातों की छाया
अंधकार की घन सी माया
मर्म वेदना जो था समाया
थककर सोया शिथिल सी काया.
नहीं हुआ कभी काल किसी का
पर कांपा होगा कर भी उसका
देश का कर्ज चुका गये
वो भारत पुत्र रूला गये.
जो रहे सदा ही सत्य चिरन्तन
नहीं किये कभी निर्मम क्रंदन
लडे़ अकेले जीवन का रण
नमन उन्हें  करता जड़ चेतन.
भारती दास

Wednesday, 15 August 2018

यह देश हमारा भारत वर्ष


ये देश हमारा भारत वर्ष
अद्भुत है इसका उत्कर्ष
उत्तर में है हिम का ताज
दक्षिण में सागर का राज
पूरब से आती है हर दिन
मनभावन सुखमय प्रभात 
है इसी भूमि पर अपना स्वर्ग
        यह देश हमारा भारत वर्ष.....     
सदियों से ही दुःख है झेले
मुगलों ,अंग्रेजों के झमेले
सबने इसको लूटा-मसला
पैरों से रौंदा और कुचला
सहती रही ये दर्द सहर्ष
यह देश हमारा भारत वर्ष....
बाजी लगाई प्राणों की अपने
एक से बढ़कर बलिदानी ने
भारत के दमन को बचाया
शीश कटा सम्मान दिलाया
घुट-घुट कर जीना है व्यर्थ
यह देश हमारा भारत वर्ष ....
दया धर्म से शोभित धरती
ऋषि मुनि सा देव विभूति
उदार मन और शांत प्रकृति
उन्माद भरा है द्वेष-दर्प
यह देश हमारा भारत वर्ष....
वीर भरत महाराणा  जैसे
सुभाष भगत सयाना जैसे
कोई वीर नहीं है शेष
जो धारण करले राम का वेश
छोड़ दिया करना संघर्ष
यह देश हमारा भारत वर्ष....
बापू की नीति याद नहीं है
दुःख नहीं फरियाद नहीं है
भारत पुत्रों को करके याद
आजादी दिवस मनाये आज
भरके मन में उद्गार हर्ष....
यह देश हमारा भारत वर्ष.