Wednesday, 25 January 2023

सरस्वती वंदना

 हे सरस्वती जय मां भगवती

हंस वाहिनी कुमति तू हरती ....

प्रनत पालिनी जय जगदम्बे

पुस्तक धारिणी मूढ़ता हर दे

विद्या बुद्धि ज्ञान बढ़ाती

हंस वाहिनी कुमति तू हरती....

तेरी महिमा मैं क्या जानूं

जड़ बुद्धि हूं क्या पहचानू

वीणा में संगीत जो भरती

हंस वाहिनी कुमति तू हरती....

पद्म वासिनी मुझको वर दे

मेरे उर में अमृत भर दे

अज्ञानों में तू ही विचरती

हंस वाहिनी कुमति तू हरती....

भारती दास ✍️

Thursday, 12 January 2023

पहाड़ का दर्द

 पहाड़ का दर्द या दुख का पहाड़

इस हाल का कौन है जिम्मेदार

सूनी गलियां सूना आंगन

है दहशत में सबका आनन

भींगे नयनो में आह भरा है 

पीड़ा करूणा अथाह भरा है 

उत्कर्ष का अवसर गौण हुआ 

तप-ज्ञान प्रखर भी मौन हुआ 

ये श्रृंग जब तक था सुखद

परमार्थ की सेवा में था रत

अब सजल कंठ से रोते हैं

विविध व्यथा में जीते हैं

क्षोभ से शैल दरक रहे हैं 

मनुज प्राण भी सिसक रहे हैं 

स्वार्थी बनकर मानव रहा है

प्रकृति कोष विपदा ही सहा है

निदान सही हो समाधान

रहे सुरक्षित गिरि महान.

भारती दास ✍️