गोकुल में जन्में थे कृष्ण
मथुरा में पले थे कृष्ण
धर्म के रथपर कर्म के पथपर
चलते चले थे वो जीवनभर
उनके वचन गीता कहलाये
पावन इतनी कि कसमें खाये
युद्ध में भी सामर्थ्य दिखाये
धर्म-अधर्म का अर्थ बताये
चैन की वो वंशी भी बजाये
जीवन क्या है ये समझाये
उनसे जुड़ी थी जो भी चीज
अमूल्य हो गया है वो प्रतीक
कृष्ण प्रेम से मुँह ना मोड़े
पुरुष बने पुरुषार्थ ना छोड़े
भोगी बनकर धर्म ना छोड़े
योगी बनकर कर्म ना छोड़े
जबतक है जीवन के क्षण
बढे सार्थक सही कदम
जीवन में उतरेंगे कृष्ण
घन बनकर बरसेंगे कृष्ण .
HAPPY JANMASHTAMI.
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