राखी के हैं वचन
महान
मिल के बचायें
इसकी आन
रिश्तों का
सौन्दर्य ना टूटे
प्यार का माधुर्य
ना छूटे
होठों पर छाये
मुस्कान ..
विश्वास भरी टूटे
ना डोरी
ये कोमल रेशम की
डोरी
इक-दूजे पर हो
अभिमान ..
दुनिया विरुद्ध
हो जाये सारी
निः स्वार्थ
निभाए जिम्मेदारी
इसकी पावन है
पहचान ..
हो जाये कितनी भी
गलती
है भाई-बहन से
इतनी विनती
क्षमा करे देकर स्नेह-दान.
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