Friday, 8 August 2014

राखी के वचन महान



राखी के हैं वचन महान
मिल के बचायें इसकी आन
रिश्तों का सौन्दर्य ना टूटे
प्यार का माधुर्य ना छूटे
होठों पर छाये मुस्कान ..
विश्वास भरी टूटे ना डोरी
ये कोमल रेशम की डोरी
इक-दूजे पर हो अभिमान ..
दुनिया विरुद्ध हो जाये सारी
निः स्वार्थ निभाए जिम्मेदारी
इसकी पावन है पहचान ..
हो जाये कितनी भी गलती
है भाई-बहन से इतनी विनती
                      क्षमा करे देकर स्नेह-दान.    

No comments:

Post a Comment