Saturday, 10 June 2023

धरती गगन के मौन गूंज को

 धरती गगन के मौन गूंज को

चाहिए केवल प्रखर विचार

ओज तेज भर पाये उर में

चाहिए ऐसे प्रवीर अवतार.

एक विकृत-विकार था रावण

जिसने मर्यादा को ध्वस्त किया था

उत्पात मचाकर अधर्म बढ़ाकर

ऋषि मुनि को नष्ट किया था.

बरसों से था कुंठित दानव

पशुता जैसा ही था संस्कार

स्वार्थी कपटी था अंतर से

मन से दरिद्र भी था अपार.

नित्य कुकृत्य करता रहता था

नित्य बहाता रक्त की धार

अस्थि नोच खाता चंडाल

सुनता नहीं भीषण चीत्कार.

कहीं सुरक्षित नहीं है पुत्री

अपनी जानें गंवा रही है

झूठे प्रेम के जाल में फंसकर 

ख्वाब अनेकों मिटा रही है.

अध्यात्म क्रांति के द्वारा ही

परिवेश सशक्त बनाना होगा

अत्याचारी दूषित स्वरूप को

सर्वधर्म प्रीत निभाना होगा.

भारती दास ✍️


7 comments:

  1. राम के द्वारा रावण को खत्म किया गया लेकिन रावण को आज के मानव खत्म होने नहीं देना चाहते
    विचारणीय प्रस्तुति

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  2. सचमुच, बहुत बहुत धन्यवाद 🙏🏼🙏🏼

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  3. अध्यात्म क्रांति के द्वारा परिवेश सशक्त बनाना होगा, शत प्रतिशत सही बात!

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  4. धन्यवाद सर

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  5. धन्यवाद अनीता जी

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