Friday, 10 December 2021

नमन अनेकों जनरल रावत

 न जाने कहां वो वीर गये

सर्वस्व न्योछावर कर गये

आतंकमुक्त कश्मीर थे करने

रहे लक्ष्य अधूरे थे पुराने सपने

किसे पता था छोड़ जायेंगे

सब से वादा तोड़ जायेंगे

वो राष्ट्र पुत्र रूला गये

इस देश को दहला गये

विघ्नों से वे डरते नहीं थे

अपने लिए जीते नहीं थे

कीर्ति उनकी अपार थी

सुख शांति की भरमार थी

हर वक्त साथ रही स्वामिनी

चली स्वर्ग तक वो भामिनी

अतिम सफर पर चले गये

अलविदा सबको कह गये

वो रहेंगे अब यादों में यथावत

नमन अनेकों जनरल रावत.

भारती दास ✍️


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