गुरु ब्रह्म हैं गुरु रूद्र हैं
गुरु ईश अवतार हैं
गुरु की महिमा सबसे व्यापक
गुरु ज्ञान साकार हैं.
गुरु बोध हैं गुरु ध्यान हैं
गुरु सकल संस्कार हैं
गुरु दीप की ज्योति जैसे
हरते मन के विकार हैं.
गुरु वर्ण हैं गुरु सृजन हैं
गुरु स्वरूप भगवान हैं
गुरु तपन हैं गुरु नमन हैं
गुरु मोक्ष का नाम हैं.
कुंभकार का रुप गुरु हैं
गुरु श्रेष्ठ सम्मान हैं
जीवन सीख से पोषित करते
हम करते उन्हें प्रणाम हैं.
भारती दास ✍️
सभी गुरुओं को नमन ।
ReplyDeleteबहुत बहुत धन्यवाद संगीता जी
Deleteगुरु पूर्णिमा की ढेरों शुभकामनाएं
जी नमस्ते ,
ReplyDeleteआपकी इस प्रविष्टि् के लिंक की चर्चा कल शनिवार(२४-०७-२०२१) को
'खुशनुमा ख़्वाहिश हूँ मैं !!'(चर्चा अंक-४१३५) पर भी होगी।
आप भी सादर आमंत्रित है।
सादर
बहुत बहुत धन्यवाद अनीता जी
Deleteगुरु पूर्णिमा की हार्दिक शुभकामनाएं
सुन्दर भावपूर्ण अभिव्यक्ति!!
ReplyDeleteबहुत बहुत धन्यवाद अनुपमा जी
Deleteगुरु पूर्णिमा की हार्दिक शुभकामनाएं
सुन्दर सादर भाव..
ReplyDeleteधन्यवाद सर
Deleteबहुत ही सुंदर भावपूर्ण सृजन!
ReplyDeleteगुरू है, तो ज्ञान है!
ज्ञान है तो गुरू!!
हर गुरू होतें हैं गुरू से रूबरू! सभी गुरूओं को शत् शत् नमन 🙏
धन्यवाद मनीषा जी
Deleteगुरु पूर्णिमा पर हार्दिक शुभकामनायें !
ReplyDeleteधन्यवाद अनीता जी
Deleteबहुत बहुत सुन्दर
ReplyDeleteधन्यवाद सर
Deleteबहुत सुन्दर सृजन।
ReplyDeleteधन्यवाद सर
Deleteबहुत सुंदर अभिव्यक्ति।
ReplyDeleteधन्यवाद अनुराधा जी
Deleteबहुत सुंदर भावपूर्ण रचना।
ReplyDeleteधन्यवाद जिज्ञासा जी
ReplyDeleteगुरु की महिमा अनंत है
ReplyDeleteबहुत सुन्दर सामयिक रचना
धन्यवाद कविता जी
ReplyDeleteगुरु सर्वस्य है, गुर सर्वत है ... गुरु की महिमा अपरम्पार है और आपने इस लाजवाब रचना के ज़रिये आपने बाखूबी गुरु की महिमा का गान किया है ...
ReplyDeleteधन्यवाद सर
Deleteबहुत सुंदर।
ReplyDeleteधन्यवाद ज्योति जी
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