Wednesday, 22 July 2020

मधुश्रावणी का त्योहार

मधुश्रावणी का त्योहार
घन गरजे चपला चमके
नभ से छम-छम जल बरसे
गाये मस्त पवन मल्हार
मधुश्रावणी का त्योहार....
पावस की प्यारी रातें
करती चंचल उर गातें
दृग में भरते मनुहार
मधुश्रावणी का त्योहार....
मेंहदी रचते हाथों में
सपने सजते आंखों में
प्रियवर का प्रेम-फुहार
मधुश्रावणी का त्योहार....
सुहागन करती श्रृंगार
गाती मंगलगीत उदार
चित्त में उत्साह अपार
मधुश्रावणी का त्योहार....
कण-कण में हरियाली है
तन-मन में खुशहाली है
सावन का ये उपहार
मधुश्रावणी का त्योहार.....
हर्षित हो करते वंदन
गौरी-शंकर की अर्चन
भर आंचल में उदगार
मधुश्रावणी का त्योहार.....
भारती दास ✍️
('
हरियाली तीज' को ही बिहार में   ' 'मधुश्रावणी तीज' कहते हैं)



 



14 comments:

  1. सादर नमस्कार,
    आपकी प्रविष्टि् की चर्चा शुक्रवार( 24-07-2020) को "घन गरजे चपला चमके" (चर्चा अंक-3772) पर भी होगी। आप भी सादर आमंत्रित है ।

    "मीना भारद्वाज"

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    1. बहुत बहुत धन्यवाद मीना जी

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  2. आपकी लिखी रचना "सांध्य दैनिक मुखरित मौन में" आज गुरुवार 23 जुलाई 2020 को साझा की गई है.... "सांध्य दैनिक मुखरित मौन में" पर आप भी आइएगा....धन्यवाद!

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  3. बहुत बहुत धन्यवाद सर

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  4. सार्थक रचना।
    पावस के इस पर्व की बधाई हो आपको।

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  5. बहुत बहुत धन्यवाद सर

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  6. वाह! बेहतरीन सृजन सखी! बहुत सुंदर

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    1. बहुत बहुत धन्यवाद सुजाता जी

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  7. सावन का ये उपहार
    मधुश्रावणी का त्योहार.....सचमुच हर‍ियाली तीज पर अदभुत कव‍िता

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  8. बहुत बहुत धन्यवाद सर

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  9. बढ़िया कविता

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  10. बहुत बहुत धन्यवाद सर

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  11. मधुश्रावणी का त्योहार
    घन गरजे चपला चमके
    नभ से छम-छम जल बरसे
    गाये मस्त पवन मल्हार
    मधुश्रावणी का त्योहार....

    बहुत अच्छी रचना

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  12. बहुत बहुत धन्यवाद

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