तुम ही स्वाहा तुम ही स्वधा
तुम ही हो माँ सत्य स्वरूपा
,तुम ही .....
तुम ही जीवन की सुधा हो
तुम ही अक्षर की मात्रा हो
सृष्टि तुम्ही से है जगदम्बा
तुम ही हो माँ सत्य स्वरुपा
, तुम ही .....
तुम ही ब्रम्हा की स्तुति
तुम ही हो दीनों की शक्ति
तुम ही करती सबसे रक्षा
तुम ही हो माँ सत्य स्वरूपा
, तुम ही .....
तुम ही मोह हो तुम ही माया
कण-कण में तुम ही महामाया
समस्त भाव तुमसे ही माता
तुम ही हो माँ सत्य स्वरूपा
, तुम ही .....
तुम ही मंत्र हो तुम ही
यन्त्र हो
अनंत गूढतम तंत्र में तुम
हो
पूजा-अर्चन-ध्यान न आता
तुम ही हो माँ सत्य स्वरूपा
, तुम ही.....
भारती दास ✍️
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