पुष्प
वृक्ष के ह्रदय का
आनंद होता पुष्प
उल्लास अभिव्यक्ति का
आवाज होता पुष्प
पवित्र भावनाओं का
प्रतीक होता पुष्प
सुकोमल संवेदना का
चित्र होता पुष्प
कहता है सुमन
हे श्रेष्ठ मानव जन
निराशा के कुहासे से
जरा बाहर निकल
हो जा समर्पित लक्ष्य में
फूलों के समान
है धरोहर सीख मेरी
गहरी सी मुस्कान
कल्पना में रंग भरकर
उड़ चलो ऊँची उड़ान
मस्त रहे उन्मुक्त हो कर
है जब तक ये अपनी जान.
भारती दास ✍️
एक फूल मौन रहकर भी कितने संदेश देता है, बीज की पूर्णता का प्रतीक एक फूल हमें भी अपने लक्ष्य की ओर बढ़ते रहने के लिए प्रेरित करता है
ReplyDeleteबहुत बहुत धन्यवाद अनीता जी
ReplyDeleteबहुत बहुत धन्यवाद कामिनी जी
ReplyDeleteसकारात्मक भाव जगाती सुंदर कृति। बधाई भारती जी।
ReplyDeleteबहुत बहुत धन्यवाद जिज्ञासा जी
Deleteबहुत सुन्दर और भावपूर्ण कृति ।
ReplyDeleteबहुत बहुत धन्यवाद मीना जी
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