मैं हिन्दी हूं मैं हिन्दी हूं
भारत के भाल की बिन्दी हूं
जैसे सूरज चांद चमकते
वैसे कपाल पर सजती हूं
मैं हिन्दी हूं मैं हिन्दी हूं....
रुप सरस्वती अन्नपूर्णा सी
हंसी है मनहर मां लक्ष्मी सी
मैं सुंदर शोभित लगती हूं
मैं हिन्दी हूं मैं हिन्दी हूं....
गिरि शिखर की महिमा जैसी
ऋषि मुनि की वेद ऋचा सी
हर मुख से भाषित होती हूं
मैं हिन्दी हूं मैं हिन्दी हूं....
संस्कृत है मेरी जननी
मै हूं उसकी प्यारी भगिनी
मैं दिलों में सबके रहती हूं
मैं हिन्दी हूं मैं हिन्दी....
अनपढ गंवार की बोली हूं
शिक्षित की हंसी ठिठोली हूं
मैं प्रेम ही प्रेम समझती हूं
मैं हिन्दी हूं मैं हिन्दी....
भारती दास ✍️
हिन्दी दिवस की शुभकामनाएं
हिन्दी दिवस की शुभकामनाएं|
ReplyDeleteबहुत बहुत धन्यवाद सर
Deleteआपको भी हिन्दी दिवस की शुभकामनाएं
बहुत सुंदर। शुभकामनाएँ!!!
ReplyDeleteबहुत बहुत धन्यवाद सर
Deleteआपको भी हिन्दी दिवस की शुभकामनाएं
आपकी लिखी रचना ब्लॉग "पांच लिंकों का आनन्द" मंगलवार 14 सितम्बर 2021 को साझा की गयी है....
ReplyDeleteपाँच लिंकों का आनन्द पर आप भी आइएगा....धन्यवाद!
बहुत बहुत धन्यवाद यशोदा जी
Deleteबहुत सुन्दर रचना। शुभकामनायें।
ReplyDeleteबहुत बहुत धन्यवाद सर
Deleteआपको भी हिन्दी दिवस की शुभकामनाएं
वाह!!!
ReplyDeleteबहुत ही सुन्दर...
हिन्दी दिवस की शुभकामनाएं।
बहुत बहुत धन्यवाद सुधा जी
ReplyDeleteहिंदी को समर्पित सुंदर सराहनीय सृजन ।
ReplyDeleteबहुत बहुत धन्यवाद जिज्ञासा जी
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