Friday, 20 March 2020

महामारी का खौफ हटाकर


मंदिर-मस्जिद सूना-सूना
गुरुद्वारे में मौन अपार
गिरजाघर भी खाली-खाली
संकट में है हाट बाजार.
गलियों में पसरा सन्नाटा
बंद है सारे घर और द्वार
मौत न जाने कहां खड़ी हो
सहमा है सारा संसार.
पाप मनुष्य का उभर रहा है
पुण्य हुआ बेबस लाचार
पल-पल जीवन बिखर रहा है
बन रहा यम का आहार.
कक्षा का हर कोना खाली
चुपचाप है सारे फर्श दीवार
महामारी के खौफ हटाकर
शिक्षकगण बैठे हैं उदार .
शिक्षण पद की शान बढायें
या सेहत का करे विचार
महामारी का भय व्याप्त है
हौसला पर हो रहा प्रहार.
रिश्तों में न पले मिलावट
टूटे ना मनुहार दुलार
सावधानी बरतें सब मिलकर
संयमी बनकर करें उपकार.
तन-मन स्वस्थ रहे सुरक्षित
रहे सलामत परिजन परिवार
साहस संबल सहयोगों की
बहती रहे पावन सी बयार.
भारती दास





 

4 comments:

  1. धन्यवाद सर🙏🙏

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  2. मौत न जाने कहां खड़ी हो
    सहमा है सारा संसार.
    पाप मनुष्य का उभर रहा है
    पुण्य हुआ बेबस लाचार
    पल-पल जीवन बिखर रहा है
    बन रहा यम का आहार.....
    कोरोना जैसी घातक संक्रमणकाल में आपकी यह रचना
    सामाजिक जागरुकता हेतु आवश्यकता है आज के समय की। बधाई व शुभकामनाएँ आदरणीया भारती जी।

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  3. धन्यवाद पुरूषोत्तम जी

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