Saturday, 7 March 2020

नारी ईश की अद्भुत कृति


नारी ईश की अद्भुत कृति
पल में ही वो वंदित होती
क्षण में ही वो कामना पूर्ति
नारी ईश की अद्भुत कृति....
सुख विभावरी की छलना सी
सुरभित अंचल की गरिमा सी
शीतल झरनों की अनुभूति
नारी ईश की अद्भुत कृति....
अनंत रुप की परिभाषा सी
तृप्त अतृप्त की अभिलाषा सी
पर पसार निज पथ उड़ जाती
नारी ईश की अद्भुत कृति....
सांझ किरण की दीपशिखा सी
खुद हर लेती तम कुटिया की
स्वजन नेह पर लुटती जाती
नारी ईश की अद्भुत कृति....
भारती दास ✍️
विश्व महिला दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं

 


6 comments:

  1. सुप्रभात जी। बहुत सुन्दर रचना।
    होलीकोत्सव के साथ
    अन्तर्राष्ट्रीय महिला दिवस की भी बधाई हो।

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  2. बहुत बहुत धन्यवाद सर 🙏🙏

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  3. बहुत बहुत धन्यवाद यशोदा जी

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  4. आपकी इस प्रविष्टि् की चर्चा कल सोमवार (09-03-2020) को महके है मन में फुहार! (चर्चा अंक 3635)    पर भी होगी।
    --
    सूचना देने का उद्देश्य है कि यदि किसी रचनाकार की प्रविष्टि का लिंक किसी स्थान पर लगाया जाये तो उसकी सूचना देना व्यवस्थापक का नैतिक कर्तव्य होता है।
    --
    होलीकोत्सव कीहार्दिक शुभकामनाओं के साथ।
    सादर...!
    डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'

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  5. नारी और प्रेम की कभी स्पष्ट व्याख्या कर ही नहीं सकते।
    बहुत सुंदर रचना।
    नई पोस्ट - कविता २

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  6. बहुत बहुत धन्यवाद सर

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