Saturday, 25 November 2017

वो ह्रदय नहीं वो पत्थर है



वो ह्रदय नहीं वो पत्थर है
जिसमें बहती रसधार नहीं ,
जिस पुष्प में कोइ गंध नही                              
वहां भौरों की गुंजार नहीं , वो......
मुरझा जाता है, मर जाता है
 जीवन की आशा खो जाता है                         
जहाँ अपनापन का भाव नहीं
वहाँ होता सच्चा प्यार नहीं , वो......
है दरिद्र वही , है दीन वही
जिस व्यक्ति के उर में नेह नहीं
जहाँ संताप भरे आंसू बहते
वहाँ देता ख़ुशी करतार नहीं , वो .......
जो बसन्त में बस मुस्काता है
पतझर से जो घबराता है
जिस वृन्त में केवल शूल ही हो
वहाँ आता कभी बहार नहीं , वो......  

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