एक त्यॊहार कई है नाम ,
भारत कीहै यही पहचान,
मकर-संक्राति,पोंगल,लॊहिडी़ ,
कहीं पर बनता स्वादिष्ट खिचड़ी,
खुशियाँ बांटे , ख़ुशी मनाये
तिल की मीठी लड्डू खायें ,
आसमान में चढ़ी पतंगे,
सपनों के उड़ान भरने ,
डोर की जोर पर चढ़ती गयी,
होड़ ही होड़ में बढती गयी,
व्योम के सारे पक्षी तमाम,
'जी सके ' है यही पैगाम ,
चिड़ियाँ सब भी जी पाये
सब कोई मस्ती कर पाये .
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HAPPY MAKARSANKRANTI
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