Monday, 6 January 2014

हे भारत मत भूलो कभी



हे भारत मत भूलो कभी
ये गौरव –गाथा है तेरे ही
सीता –सावित्री –दमयंती सी
नारी के आदर्श अभी भी
सर्वत्यागी नाथ शंकर
उपासना करते है जी भर
वो तुम्हारे हैं अभी भी
मत भूलना तुम कभी भी .
चंडाल –ब्राम्हण और दरिद्र भी
सब तेरे सुत हैं  अभी भी
गंभीर संकट है कोई भी
हल समस्या का सभी ही
करते है कुछ लोग अब भी
वो तुम्हारे है अभी भी
मत भूलना तुम कभी भी .
माता ही सर्वस्व यहाँ पर
जान देते पुत्र उन पर
व्यक्तिगत कोई कभी भी
जीवन नहीं जीता कहीं भी
स्वदेश-मंत्र पढता अभी भी
शहीद होते आज अब भी
वो तुम्हारे हैं अभी भी
मत भूलना तुम कभी भी
वो तेरे अमृत वचन भी
दिल में रखें है अभी भी
फूंकते है प्राण अब भी
सिंह जैसा वीर जब भी
कांपते है रंक अब भी
देश –भक्ति मन में अब भी
उत्कृष्ट –चिंतन संस्कृति भी
देव जैसा मनुज अब भी
वो तुम्हारे है अभी भी
मत भूलना तुम कभी भी .

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