Wednesday, 15 May 2024

गंगा तेरी शरण में आया


गंगा तेरी शरण में आया

तन-मन-धनसे तुझको ध्याया

माँ सुन लो मेरी मनुहार....

तेरे शीतल निर्मल जल से

पाप-कलंक मैं धोया मन से

रखता हूँ मैं स्वच्छ विचार

मां सुन लो मेरी मनुहार....

करूँ प्रतिज्ञा वादे और प्रण

जब तक है ये मेरा जीवन

देश बढेगा सौ-सौ बार

मां सुन लो मेरी मनुहार....

मैंने अपना सब कुछ छोड़ा

जान हथेली पर ले दौड़ा

आज वक्त की यही पुकार

मां सुन लो मेरी मनुहार....

तेरे जल में डूब मरूँगा

खाली हाथ नहीं जाऊंगा

यही प्रार्थना यही गुहार

मां सुन लो मेरी मनुहार ....

चरणों में ये सर झुका है

अब पीड़ा से मन थका है

दे-दे मैया स्नेह-दुलार

मां सुन लो मेरी मनुहार....

भारती दास ✍️


                

6 comments:

  1. ये आया कौन है समझ नहीं आया ?

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  2. किसी प्रसिद्ध पुरुष की सोच है

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  3. सुंदर सृजन

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    1. धन्यवाद अनीता जी

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