सुगम करु राह हे जननी
शरण में आबि बैसल छी
हरू व्यवधान जीवन सं
अहीं से आस धयने छी
सुगम करु राह हे जननी....
नै पूजा पाठ हम कयलहु
नै मन से मंत्र के जपलहुं
सांसारिक मोह में हरदम
समय व्यर्थे गंवोंने छी
सुगम करु राह हे जननी....
अहां सं कि छिपल हमर
करु एहसान हमरा पर
जगत के तारिणी अंबे
अहां सबटा जनैते छी
सुगम करु राह हे जननी....
किया करूणा छिपौने छी
कथी लय रोष कयने छी
क्षमा करु दोष जगदम्बे
अहीं के नाम जपने छी...
भारती दास ✍️
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