Saturday, 1 October 2022

बाल कविता

 बाल कविता

 गांधी जी के तीन बंदर

 कहते सबसे बातें सुंदर

 सच से कभी भी डरो नहीं

 कड़वी बातें करो नहीं

 चीजें गंदी देखो नहीं

 कभी किसी से लड़ो नहीं 

 तुम नन्हे-मुन्ने न्यारे हो 

 गांधी जी के प्यारे हो

 भारत मां के दुलारे हो

 तुम ही उगते सितारे हो.

 शास्त्री जी के थे अरमान

  बढे देश की हरदम आन

  विश्व गांव में हो पहचान

  शिक्षा सभ्यता बने महान

  जहां पवित्र है गीता पुराण

  कर्म ही पूजा कर्म ही ज्ञान

  जहां लुटाते सैनिक जान

  गर्व  हमें है उनपर शान

  वो भूमि है पावन धाम

  जय जवान जय किसान.

  गांधी-शास्त्री जयंती की 

  हार्दिक शुभकामनाएं

भारती दास ✍️






11 comments:

  1. सुंदर सृजन

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    1. धन्यवाद अनीता जी

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  2. सुंदर प्रस्तुति.

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  3. हार्दिक शुभकामनाएँ सुन्दर सृजन के लिए।

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  4. धन्यवाद संगीता जी

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  5. धन्यवाद अमृता जी

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  6. वाह । बहुत सुंदर सराहनीय रचना।

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  7. धन्यवाद जिज्ञासा जी

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  8. क्या बात है प्रिय भारती जी।गाँधी जी और शास्त्री जी देश की महान विभूतियाँ थी ।गाँधी दर्शन के रूप में गाँधी जी के तीन बन्दर के साथ ,किसान गाँवऔर जवानों के लिए शास्त्री जी का उत्तम स्वप्न अपने आप में बहुमूल्य है।दोनों का स्मरण कराती रचना के लिए बधाई और शुभकामनाएं ।🙏

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  9. धन्यवाद रेणु जी

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