बाल कविता
गांधी जी के तीन बंदर
कहते सबसे बातें सुंदर
सच से कभी भी डरो नहीं
कड़वी बातें करो नहीं
चीजें गंदी देखो नहीं
कभी किसी से लड़ो नहीं
तुम नन्हे-मुन्ने न्यारे हो
गांधी जी के प्यारे हो
भारत मां के दुलारे हो
तुम ही उगते सितारे हो.
शास्त्री जी के थे अरमान
बढे देश की हरदम आन
विश्व गांव में हो पहचान
शिक्षा सभ्यता बने महान
जहां पवित्र है गीता पुराण
कर्म ही पूजा कर्म ही ज्ञान
जहां लुटाते सैनिक जान
गर्व हमें है उनपर शान
वो भूमि है पावन धाम
जय जवान जय किसान.
गांधी-शास्त्री जयंती की
हार्दिक शुभकामनाएं
भारती दास ✍️
सुंदर सृजन
ReplyDeleteधन्यवाद अनीता जी
Deleteसुंदर प्रस्तुति.
ReplyDeleteधन्यवाद सर
Deleteहार्दिक शुभकामनाएँ सुन्दर सृजन के लिए।
ReplyDeleteधन्यवाद संगीता जी
ReplyDeleteधन्यवाद अमृता जी
ReplyDeleteवाह । बहुत सुंदर सराहनीय रचना।
ReplyDeleteधन्यवाद जिज्ञासा जी
ReplyDeleteक्या बात है प्रिय भारती जी।गाँधी जी और शास्त्री जी देश की महान विभूतियाँ थी ।गाँधी दर्शन के रूप में गाँधी जी के तीन बन्दर के साथ ,किसान गाँवऔर जवानों के लिए शास्त्री जी का उत्तम स्वप्न अपने आप में बहुमूल्य है।दोनों का स्मरण कराती रचना के लिए बधाई और शुभकामनाएं ।🙏
ReplyDeleteधन्यवाद रेणु जी
ReplyDelete