हे वंशीधर यदुकुल सुन्दर
तुम ज्योतिर्मय तुम करुणाकर...
लेकर अपने भाव की माला
वंदन करती हूँ नन्द-लाला
अहंकार सब लो मेरा हर
तुम ज्योतिर्मय तुम करुणाकर...
अब शेष रहे न दर्द भरे क्षण
दूर करो सारे संकट गम
पथ पर शूल बिछा है निरंतर
तुम ज्योतिर्मय तुम करुणा कर...
श्रेष्ठ नहीं है साधना मेरी
अनुकम्पा कब होगी तेरी
चिंता मिटाओ नव बल दो भर
तुम ज्योतिर्मय तुम करुणाकर...
मै निहाल हो जाऊं नटवर
देखूं तेरा छवि चिर सुन्दर
पूर्ण करो अभिलाषा गिरधर
तुम ज्योतिर्मय तुम करुणाकर...
भारती दास✍️
वाह!बहुत सुंदर।
ReplyDeleteश्रीकृष्ण जन्माष्टमी की हार्दिक शुभकामनाएँ।
बहुत बहुत धन्यवाद सर
ReplyDeleteश्री कृष्ण जन्माष्टमी की शुभकामनाएं
धन्यवाद अनीता जी
ReplyDeleteश्री कृष्ण जन्माष्टमी की आपको भी हार्दिक शुभकामनाएं
बहुत ही सुन्दर कृष्ण स्तुति
ReplyDeleteधन्यवाद अनीता जी
ReplyDeleteजय श्री कृष्ण 👏👏
ReplyDeleteबहुत सुंदर सराहनीय रचना ।
धन्यवाद जिज्ञासा जी
ReplyDeleteसुंदर प्रस्तुति ।।
ReplyDeleteधन्यवाद संगीता जी
ReplyDeleteभक्तिभाव पूर्ण निवेदन
ReplyDeleteधन्यवाद अनीता जी
ReplyDeleteबहुत सुंदर रचना
ReplyDeleteजय श्री कृष्णा 🙏
धन्यवाद रुपा जी
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