Friday, 11 March 2022

अस्वस्थ तन गमगीन पल

 अस्वस्थ तन गमगीन पल

करती बेचैन हरपल ये मन

अंतस में भर आता है तम

उदास बहुत होता चिंतन.

मजबूरियों के घेरती है फंद

गतिशीलता पड़ जाती है मंद

निशि-वासर रहता है द्वंद

जीवन कहीं न हो जाये बंद

जब होती है कोई बीमारी

महसूस सदा होती लाचारी

चरणों में झुकाहै शीश हमारी

अतिशय करती हूं ईश आभारी.

भारती दास ✍️

15 comments:

  1. सच !जीवन के कठिन क्षणों में या बड़ी बिमारियों में सदा मन ईश्वर आलंबन में दौड़ता है।
    सटीक सत्य।
    अगर अस्वस्थता के क्षण हैं तो शीघ्र स्वास्थ्य लाभ करें,यही शुभकामना है।
    सस्नेह।

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    1. धन्यवाद कुसुम जी

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  2. प्रिय भारती जी,दुख में हम ईश्वर के सबसे समीप होते हैंऔर आत्म मंथन करते हुए स्वयम के भी सबसे पास होते हैं। सार्थक सब स्वस्थ हो सब निरोग रहे यही कामना है।सस्नेह

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    1. धन्यवाद रेणु जी

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  3. सही कहा भारती जी,
    बीमारी के क्षण बड़े ही मुश्किल भरे होते हैं । ईश्वर की प्रार्थना और मनन से बड़ी शक्ति मिलती है, साथ ही चिकित्सकीय परामर्श तो लेना ही रहता है।
    आपके लिए मेरी हार्दिक शुभकामनाएं हैं भारती जी 💐💐

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    1. धन्यवाद जिज्ञासा जी

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  4. अस्वस्थ तन गमगीन पल

    करती बेचैन हरपल ये मन

    अंतस में भर आता है तम

    उदास बहुत होता चिंतन.
    चिंतन भी स्वस्थ तन मन के साथ ही सम्भव है
    अस्वस्थता में ईश्वर का अवलंबन सकून देता है
    सुन्दर सृजन।

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    1. धन्यवाद सुधा जी

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  5. सुन्दर प्रस्तुति.

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  6. धन्यवाद अनीता जी

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  7. धन्यवाद अनीता जी

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  8. प्रबल भाव संघनन।

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  9. धन्यवाद सर

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