भाईजी की पांचवी पुण्यतिथि
पर वेदनापूर्ण श्रद्धांजली
भाई याद बहुत आती है
क्षण-क्षण उर को तड़पाती है....
लम्हा-लम्हा पल-पल गुजरा
भूल न पाई तेरा चेहरा
अश्क की धारा बह जाती है
हर शय हर कण कह जाती है
भाई याद बहुत आती है....
घर के कोने कोने में तुम
दहलीज़ों द्वारों में थे तुम
गूंज हंसी की छल जाती है
फिर धड़कन ये थम जाती है
भाई याद बहुत आती है....
त्योहारें आती बहुतेरे
मिल जाते हैं भूले बिसरे
आश दिलों की बढ जाती है
व्याकुल नजरें थक जाती है
भाई याद बहुत आती है....
भारती दास ✍️
क्षण-क्षण उर को तड़पाती है....
लम्हा-लम्हा पल-पल गुजरा
भूल न पाई तेरा चेहरा
अश्क की धारा बह जाती है
हर शय हर कण कह जाती है
भाई याद बहुत आती है....
घर के कोने कोने में तुम
दहलीज़ों द्वारों में थे तुम
गूंज हंसी की छल जाती है
फिर धड़कन ये थम जाती है
भाई याद बहुत आती है....
त्योहारें आती बहुतेरे
मिल जाते हैं भूले बिसरे
आश दिलों की बढ जाती है
व्याकुल नजरें थक जाती है
भाई याद बहुत आती है....
भारती दास ✍️
नमन व श्रद्धाँजलि।
ReplyDeleteबहुत बहुत धन्यवाद 🙏
DeleteOm shanti
ReplyDeleteइश्वर उन्हें अपने चरणों में स्थान दे ...
ReplyDeleteभाव पूर्ण गीत ...
बहुत बहुत धन्यवाद 🙏
ReplyDeleteसमझ सकती हूँ
ReplyDeleteनमन