Wednesday, 20 March 2019

आई होली धूम मचाता


तरुण तान गलियों में गाता
आई होली धूम मचाता
हाथ बढ़ाकर द्वेष भुलाता
प्रेम प्रीत का रंग लगाता.
भाई चारे का ढंग सिखाता
त्योहार हमें संदेश ये देता
समरसता पलकों में समाता
संताप हृदय का दूर  भगाता.
रक्ताभ अरूण धरती से कहता
अभिनव सुंदर रुप सुहाता
चिर मिलन की है विह्वलता
प्रणय की मदिरा दृग से बहता.
दिग-दिगंत में है मादकता
हर्ष उमंग अंगों में भरता
सुभग कामना दिल ये करता
रहे सुखद होली की शुभता.


4 comments:

  1. Replies
    1. बहुत बहुत धन्यवाद सर

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  2. आपकी इस प्रविष्टि् के लिंक की चर्चा कल शुक्रवार (22-03-2019) को "होली तो होली हुई" (चर्चा अंक-3282) पर भी होगी।
    --
    चर्चा मंच पर पूरी पोस्ट नहीं दी जाती है बल्कि आपकी पोस्ट का लिंक या लिंक के साथ पोस्ट का महत्वपूर्ण अंश दिया जाता है।
    जिससे कि पाठक उत्सुकता के साथ आपके ब्लॉग पर आपकी पूरी पोस्ट पढ़ने के लिए जाये।
    --
    होलिकोत्सव की हार्दिक शुभकामनाऔं के साथ-
    सादर...!
    डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'

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  3. बहुत बहुत धन्यवाद सर

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