साक्षी है इतिहास सदा ही
वे थे एक अनमोल विभूति
उनके पवित्र पावों की धूलि
महसूस हमेशा करती धरती.
वे भारत के अमूल्य निधि थे
भारतीयता थी उनकी पहचान
‘’ जय हिन्द ‘’ का नारा
देकर
देशभक्त वे हुए महान.
‘’ तुम मुझे खून दो
मैं तुमको आजादी दूंगा ‘’
उनकी ओजपूर्ण ये वाणी
तन में जोश भरता ही होगा.
चुनोतियाँ होती है पथ में
सपने भी पुलकित करते हैं
लेकिन अपनी माटी का दुःख
बेचैन ह्रदय को कर देते हैं.
उजियारी की एक किरन
राहें रोशन कर देते हैं
मन के अँधेरे कोने में
प्रकाश दीप जल उठते हैं.
जेलों में ही बीता था
जीवन का इक बड़ा भाग
स्वाधीनता का सजग सिपाही
बन बैठा प्रतिशोध की आग.
तप की सुन्दर पावन भूमि
मांडले की वो जेल बनी
अपनी लगन-मनन-चिंतन से
वो बन गए महा सेनानी.
राष्ट्र शिल्पी कुशल योद्धा
पथ प्रदर्शक थे धैर्यवान
व्यक्तित्व उनका था विलक्षण
साहसी अपार थे शोर्यवान.
विवादों में ही रहा हमेशा
नेताजी के मृत्यु का राज
शायद विमान हादसा में ही
शहीद हुए थे वीर सुभाष.
भारती दास ✍️
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