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हे माँ स्नेह से गले लगाना
मैंने जितने पुण्य किये हैं
याद उसे ही रखना ,हे माँ
......
मन में पीड़ा भार बहुत है
जीवन में अंधकार बहुत है
ज्ञान प्रकाश दिखाना ,हे
माँ .......
सद्दभावों को मन में बसाना
दुश्चिन्तन को दूर भगाना
सद्पथ सदा दिखाना ,हे माँ
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स्वर्ग धरा पर मैं रच पाऊं
पाप पतन से मैं बच पाऊं
हाथ पकड़ के उठाना,हे माँ
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भारती दास
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