अक्षयवट के मूल में
ब्रह्मदेव का होता निवास
मध्य भाग में नारायण
ब्रह्मदेव का होता निवास
मध्य भाग में नारायण
अग्र में करते शंकर वास.
वटवृक्ष के नीचे ही
यमपूजा का है विधान
मांगी थी सावित्री ने
यम से अपने पति का प्राण.
पाकर जीवन सत्यवान का
सौभाग्यवती कहलाई थी
सावित्री जैसी नारी की
ईश भी महिमा गाई थी.
अखंड सौभाग्य को देनेवाले
हे देव वृक्ष हे अक्षयवट
सुहाग अटल हो सुहागन की
नमन करते हैं श्रद्धा वत.
भारती दास ✍️
वट-सावित्री पूजा की हार्दिक शुभकामनाएं
वटवृक्ष के नीचे ही
यमपूजा का है विधान
मांगी थी सावित्री ने
यम से अपने पति का प्राण.
पाकर जीवन सत्यवान का
सौभाग्यवती कहलाई थी
सावित्री जैसी नारी की
ईश भी महिमा गाई थी.
अखंड सौभाग्य को देनेवाले
हे देव वृक्ष हे अक्षयवट
सुहाग अटल हो सुहागन की
नमन करते हैं श्रद्धा वत.
भारती दास ✍️
वट-सावित्री पूजा की हार्दिक शुभकामनाएं
जी नमस्ते,
ReplyDeleteआपकी इस प्रविष्टि् के लिंक की चर्चा शनिवार(२३-०५-२०२०) को 'बादल से विनती' (चर्चा अंक-३७१०) पर भी होगी
चर्चा मंच पर पूरी पोस्ट अक्सर नहीं दी जाती है बल्कि आपकी पोस्ट का लिंक या लिंक के साथ पोस्ट का
महत्वपूर्ण अंश दिया जाता है।
जिससे कि पाठक उत्सुकता के साथ आपके ब्लॉग पर आपकी पूरी पोस्ट पढ़ने के लिए जाये।
आप भी सादर आमंत्रित है
**
अनीता सैनी
Thanks Anita ji
ReplyDeleteबहुत सुंदर
ReplyDeleteधन्यवाद अनुराधा जी
Deleteवट वृक्ष की महिमा !!!
ReplyDeleteबहुत ही सुन्दर...
वाह!!!
धन्यवाद सुधा जी
DeleteThis comment has been removed by the author.
ReplyDeleteसुंदर सृजन भारती जी👌👌👌
ReplyDeleteधन्यवाद सुधा जी
Deleteसुन्दर सृजन ... दर्शन का भाव लिए ...
ReplyDeleteधन्यवाद सर
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