अखिल भुवन में जिनका वंदन
अरुण अधर पर वंशी रखकर जो प्रेम राग को गाते हैं वो मधुसूदन वो यदुनंदन जग को अनुराग सिखाते हैं. जिनके उर में राधा बसती जो राधेश्याम कहाते हैं दीनों के दुख हरने वाले गोवर्धन को उठाते हैं. सखा सुदामा के चरणों को नयन नीर से धोते हैं वो मनमोहन देवकीनंदन दीनदयाल कहाते हैं. ग्वालों के संग गाय चराते माखनचोर कहाते हैं योगेश्वर के जन्म का उत्सव भाव विभोर कर जाते हैं. जिनके मुख से गीता निकली जो जीवन ज्ञान सिखाते हैं अखिल भुवन में जिनका वंदन उनको शीश झुकाते हैं. Happy Janmashtami भारती दास ✍️ |
Saturday 24 August 2019
अखिल भुवन में जिनका वंदन
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बहुत सुन्दर प्रस्तुति
ReplyDeleteकृष्णा जन्माष्टमी की शुभकामनाएं आपको !
धन्यवाद कविता जी
Deleteधन्यवाद सर
ReplyDeleteकृष्ण योगिराज हैं ... उनकी ही माया है हर तरफ ...
ReplyDeleteबहुत सुन्दर शब्दों में कृष्ण ...
धन्यवाद सर
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