हे शरद सुंदरी अभिनन्दन है
तेरे सुन्दर अरुण चरण पर
मृदुल कुसुम करता वंदन है.
शरद सुंदरी अभिनन्दन है....
बीत गयी पावस की रातें
सजल सघन घन की बरसातें
दृश्य मनोरम मुग्ध नयन है
शरद सुंदरी अभिनंदन है....
स्वागत गीत गाती विहंगिनी
शशि मुख चूमती जल तरंगिणी
मधु बरसाता सोम किरण है
शरद सुंदरी अभिनन्दन है.....
हरसिंगार का फैला आंचल
ओस नहाई विविध सुमन-दल
हरशय हरपल में पुलकन है
शरद सुंदरी अभिनंदन है.....
खेतों में धाने लहराई
कास की फूलें भी मुस्काई
हर्षित जन का अंतर्मन है
शरद सुंदरी अभिनन्दन है.....
मादकता की अंगराई सी
सुन्दरता की परछाई सी
रूप मोहिनी छवि अनुपम है
शरद सुंदरी अभिनन्दन है.....
प्रकृति का ये रूप सुहाती
शुभ्र कल्पना ख्वाब सजाती
भाव अनेकों शुभ चिंतन है
शरद सुंदरी अभिनन्दन है.....
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