Sunday 23 October 2022

जल गई दीपों की अवली

 जल गई दीपों की अवली

सज गई है द्वार और देहली

शक्ति का संचार कर गई

दीपमालिका मंगल कर गई

उर मधुर स्पर्श कर गई

निविड़ निशा में उमंग भर गई.

आभा धरा की दमक रही

सुख मोद से यूं चमक रही

हृदय-हृदय से पुलक रही

स्मित अधर पर खनक रही.

दिवस-श्रम का भार उठाये

दृग-दृग में अनुराग सजाये

दुर्गुण जलकर सद्गुण आयें

रमा-नारायण घर-घर आयें.

भारती दास ✍️

दीप-पर्व की अनंत शुभकामनाएं


Friday 14 October 2022

पछताते हैं लोग भी अक्सर

 

एक विशाल पेड़ था हरा भरा
था छाया में जिसके ऊंट खड़ा
पथिक बैठते छांव में थककर
खग कुल गीत गाते थे सुखकर
तभी प्रलय बन आया तूफान
गिर पड़ा वृक्ष नीचे धड़ाम
नीड़ से बिखरे अंडे बच्चे
मर गये ऊंट भी हट्ठे कट्ठे
भूखे सियार ने देखा भोजन
हुआं हुआं कर हुआ प्रसन्न
अपने भाग्य को खूब सराहा
ईश्वर के प्रति प्रेम निबाहा
एक मेंढक भी कहीं से निकला
सियार का मन तो बल्लियों उछला
सोचा पहले मेढक को खाऊं
फिर सारा भोजन कर जाऊं
पर कूद गया मेढक जल्दी में
सियार समाया दलदल मिट्टी में
कुछ ही पल में सब घटित हुआ
विधि की लीला विदित हुआ
सियार ने जो भी था पाया
अधिक लोभ में सभी गंवाया
लालच के चक्कर में पड़कर
पछताते हैं लोग भी अक्सर.
भारती दास ✍️

Saturday 8 October 2022

सुखद मनोरम आइ कोजगरा

 

सुखद मनोरम आइ कोजगरा
बरसै गगन सं पीयूषक धारा....
राधा रमण संग रासक क्रीड़ा
मधुर मखान संग पानक बीड़ा
सुखद मनोरम आइ कोजगरा....
मुग्ध नयन सं झरै अछि नीरा
पुलकित अछि मन प्राण शरीरा
सुखद मनोरम आइ कोजगरा....
शरद विभावरी हर्षित चहुं ओरा
माधव मुरली मगन चित्त चोरा
सुखद मनोरम आइ कोजगरा....
मुदित बहै अछि शीतल समीरा
पूरत मनोरथ मेटत सब पीड़ा
सुखद मनोरम आइ कोजगरा....
भारती दास ✍️
(मैथिली गीत)
शरद पूर्णिमा के हार्दिक शुभकामना

Saturday 1 October 2022

बाल कविता

 बाल कविता

 गांधी जी के तीन बंदर

 कहते सबसे बातें सुंदर

 सच से कभी भी डरो नहीं

 कड़वी बातें करो नहीं

 चीजें गंदी देखो नहीं

 कभी किसी से लड़ो नहीं 

 तुम नन्हे-मुन्ने न्यारे हो 

 गांधी जी के प्यारे हो

 भारत मां के दुलारे हो

 तुम ही उगते सितारे हो.

 शास्त्री जी के थे अरमान

  बढे देश की हरदम आन

  विश्व गांव में हो पहचान

  शिक्षा सभ्यता बने महान

  जहां पवित्र है गीता पुराण

  कर्म ही पूजा कर्म ही ज्ञान

  जहां लुटाते सैनिक जान

  गर्व  हमें है उनपर शान

  वो भूमि है पावन धाम

  जय जवान जय किसान.

  गांधी-शास्त्री जयंती की 

  हार्दिक शुभकामनाएं

भारती दास ✍️