Monday 31 August 2020

बरस रहा है मेघ निरंतर

  बरस रहा है मेघ निरंतर

अनवरत आवेग से भरकर

प्रचंड कोई अभियान सी लेकर

निर्बल जीवन प्राण को हरकर.

जल प्लावन से जान सिसकते

प्रलय सिंधु अरमान निगलते

सघन गगन प्रतिदिन बरसते

सुख वैभव की बस्ती डूबते.

आतप वेदना दृश्य डरावना

वीभत्स भयानक भू का कोना

बहती है कातर सी नयना

कहर बाढ़ का छीना हंसना.

मनुज आसरा बह रहा है

निर्वाह सहज ही ढह रहा है

सर्वत्र ये पीड़ा कह रहा है

कर्त्तव्य किसका कम रहा है.

कर्म साधना हो गई है क्षीण

सामर्थ्य हीन साधन विहीन

दिन मुश्किल के रातें मलीन

दूर कब होगा गम ये असीम.

भारती दास







Thursday 20 August 2020

सतीनाम स्तुति

 https://vinbharti.blogspot.com/2020/08/blog-post_20.html

सतीनाम स्तुति
शंभुप्रिया जय आदि भवानी
आर्या अपर्णा उमा वदामि
दुर्गा अनंता जया ब्रम्हाणी
सती स्वरुपा तुभ्यम नमामि
शंभुप्रिया जय आदि भवानी.....
जय शिवयोगिनी जय शिवरुपिणी
जय माहेश्वरी महा तपस्विनी
जय रुद्राणी वृषभ वाहिनी
जयति गिरजा शुभम करोमि
शंभुप्रिया जय आदि भवानी.....
दरिद्र मोचनी सत्य स्वरूपिणी
जगत मोहिनी जग हितैषिणी
महातपा जय पुरारि भामिनी
सर्वप्रदायिनी वरम ददामि
शंभुप्रिया जय आदि भवानी.....
जय चित्रा भवप्रीता भाविनी
आयुधधारिणी जय शर्वाणी
वनदुर्गा जय शैलविहारिणी
भवभयहारिणी नित्यम भजामि
शंभुप्रिया जय आदि भवानी.....
भारती दास


 

 

Tuesday 4 August 2020

मुग्ध खड़े भगवान

साकेत नगर में द्वार-द्वार पर
मुग्ध खड़े भगवान
हर्षित मुदित वीर हनुमान....
राजा दशरथ थे बड़भागी
माता कौशल्या के पुण्य जागी
जन्म लिये रघुवर हरने को
दुख धरती के तमाम
हर्षित मुदित वीर हनुमान....
स्वप्न मनोहर पूर्ण हो आया
रामनिकेत क्षण क्षण मुस्काया
आनंद मोद है मगन लोग है
मन विभोर अभिराम
हर्षित मुदित वीर हनुमान....
शंखध्वनि का स्वर गूंजित है
राम राम मुख से वर्णित है
रूप मोहिनी पाप मोचनी
हंसी अधर पे ललाम
हर्षित मुदित वीर हनुमान....
जय-जयकार करे रघुराई
चरण कमल में शीश नवाई
भक्त संत मुनि के आराधक
हे निर्बल के राम
हर्षित मुदित वीर हनुमान....
भारती दास