सुखद मनोरम आइ कोजगरा
बरसै गगन सं पीयूषक धारा....
राधा रमण संग रासक क्रीड़ा
मधुर मखान संग पानक बीड़ा
सुखद मनोरम आइ कोजगरा....
मुग्ध नयन सं झरै अछि नीरा
पुलकित अछि मन प्राण शरीरा
सुखद मनोरम आइ कोजगरा....
शरद विभावरी हर्षित चहुं ओरा
माधव मुरली मगन चित्त चोरा
सुखद मनोरम आइ कोजगरा....
मुदित बहै अछि शीतल समीरा
पूरत मनोरथ मेटत सब पीड़ा
सुखद मनोरम आइ कोजगरा....
भारती दास ✍️
(मैथिली गीत)
शरद पूर्णिमा के हार्दिक शुभकामना
Waah .....bahut neek laagal.
ReplyDeleteबहुत बहुत धन्यवाद सर
Deleteवाह! बड नीक अछि! साधुवाद!!!
ReplyDeleteबहुत बहुत धन्यवाद सर
Deleteलोक भाषा में सुन्दर प्रस्तुति प्रिय भारती जी 👌🌹🌹🙏
ReplyDeleteधन्यवाद रेणु जी
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