Saturday, 8 November 2025

मुझे गर्व है मैं हूंँ बिहारी

 मुझे गर्व है मैं हूँ बिहारी 

माँ ब्राह्मी की मैं हूँ पुजारी ....

जिस मिट्टी में पली बढ़ी थी 

सेवा-त्याग-अनुराग भरी थी 

थी रामप्रिया वो सियादुलारी 

मुझे गर्व है मैं हूँ बिहारी....

मैथिल कोकिल थे विद्यापति 

किये असाध्य शंकर की भक्ति 

बने थे सेवक उनकी पुरारी

मुझे गर्व है मैं हूँ बिहारी....

ओजस्वी कवि दिनकर जी थे 

विद्रोही क्रांति के स्वर थे

राष्ट्रप्रेम थी उनकी प्यारी 

मुझे गर्व है मैं हूँ बिहारी....

वीर कुँवर सिंह थे स्वाभिमानी 

जख्मी भुजा काटे थे अपनी 

देशभक्ति उनकी थी न्यारी 

मुझे गर्व है मैं हूँ बिहारी....

बातों में आ जाती हूँ मैं 

धोखा भी खा जाती हूँ मैं 

मीठे वचन पर जाती हूँ मारी

मुझे गर्व है मैं हूँ बिहारी....

भारती दास ✍️

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