Thursday, 7 August 2025

निर्मल पावन चंचल ये मन


है महीनों से उत्साहित हरदम

निर्मल-पावन चंचल ये मन

बरसों बाद ये मौका आया 

राखी का पर्व अनोखा आया 

आनंद मगन है उर-अंतर्मन 

है महीनों से उत्साहित हरदम....।

शैशव जैसा है उल्लास 

स्नेही भाई भी है खास 

सुख हो दुःख या हो कोई क्षण 

है महीनों से उत्साहित हरदम....।

भगवान रुद्र हरे सब व्यथा 

हो प्राप्त धन-यश सर्वदा 

सत्य-सरल सुखमय हो जीवन 

है महीनों से उत्साहित हरदम....।

प्रेम-सौहार्द का उन्मेष रहे

आशीष सदा ही विशेष रहे

हो सुंदर मंगलमय हर-पल 

है महीनों से उत्साहित हरदम....।

भारती दास ✍️ 



2 comments:

  1. बहुत सुंदर , रक्षाबंधन की। स्नेहशील बधाई !

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