सेवा निवृति के
अनमोल क्षण
अनुपम सेवाओं के द्वारा सबके दिलों में राज करने
वाले चिकित्सक अपने कार्यकाल से अप्रैल माह में सेवा निवृत हो रहे हैं| 33 वर्षों
के कार्यकाल में वे जहाँ भी रहे वहाँ उनको लोगों का भरपूर स्नेह,आदर और सम्मान
मिला| उन्होंने
कभी भी गरीब और अमीर में फ़र्क नहीं समझ| वे हमेशा ही ईमानदारी से काम करते रहे|यही
विशेषता व विनम्रता उनकी खास रही|
व्यावहारिक तथा पारिवारिक जीवन में भी वो सबको साथ
लेकर चलते रहे| यथायोग्य सबकी सेवा करते रहे| उन्होंने स्वयं की कष्टों पर ध्यान न देकर दूसरों की व्यथा का निदान करने
का प्रयास किया|
लोक जीवन के मूल्यों को समझकर अथक परिश्रम करते रहे|
अपने कार्य क्षेत्रों में आधुनिक प्रयोग कर हमेशा सफ़ल रहे| वे मन और हृदय से
अत्यधिक ही कोमल व उदार स्वभाव वाले हैं| उनके मस्तिष्क में किसी के लिए बैर या
दुराव नहीं रहा है| उन्होंने कितने ही छात्रों को,अनेकों जरूरतमंदों को आर्थिक
सहायता भी की है| छोटी-छोटी खुशियों से सकारात्मक ऊर्जा
प्राप्त होती है| इसीलिए ईश्वर ने उन्हें सुंदर कल्याण कारी गुणों से
सुवासित किया है|
सद्भावना का प्रभाव मनुष्य के कर्म को छू लेता है तथा
उन्नति के शिखर पर ले जाता है| पीड़ा से मुक्ति पाने की प्रसन्नता मनुष्य को
अप्रतिम सुख देता है| मरीजों का यही प्रगाढ़ विश्वास हमेशा
उनके साथ रहा और वे सहज-सरल रूप से आगे बढ़ते रहे|चिकित्सक होकर भी वे बेहद सरल ढंग से जीवन जीतें हैं| कोई भी दंभ या
अहंकार उनको छू भी नहीं पाया है| सेवा निवृति के क्षण में उनके सहकर्मियों की
आँखें भर आई, सभी लोग भावुक व विह्वल हो गये| डॉ साहब के लिए सबके मन में असीम श्रद्धा
का भाव उमड़ आया| आशा करती हूँ कि सेवा निवृति के बाद भी उनका जीवन सुखद और आनंदयक
हो, वे सदा स्वस्थ, दीर्घायु व यशस्वी बने रहें यही मेरी शुभकामनायें हैं|
भारती दास ✍️
हमारी भी शुभकामनाएँ
ReplyDeleteबहुत बहुत धन्यवाद अनीता जी
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