नव-प्रभात की किरणें आई
मन व गात में पुलकन छाई
सद्चिन्तन में, संवेदन में
जन-पीड़ा से द्रवित ह्रदय हो
नव वर्ष आपको मंगलमय हो.
अतीत के क्षण अब है यादों
में
स्वप्न भविष्य के है आँखों
में
धरा-गगन में, मस्त पवन में
हर शय में करुणा-विनय हो
नव वर्ष आपको मंगलमय हो.
अक्षर बने अमृत-कलश
ज्ञान-घट छलके वरबस
पथ में,आँगन में,अंतर में
ज्योति की इक दीप उदय हो
नव वर्ष आपको मंगलमय हो.
तन से तपस्वी मन से मनस्वी
जीवन में बन जाये यशस्वी
हंसी के क्षण में,ख़ुशी हो तन में
एहसास में पल-पल सदा अभय हो
नव वर्ष आपको मंगलमय
हो.
भारती दास ✍️