Thursday 21 May 2020

हे देव वृक्ष हे अक्षयवट

अक्षयवट के मूल में
ब्रह्मदेव का होता निवास
मध्य भाग में नारायण
अग्र में करते  शंकर वास.
वटवृक्ष के नीचे ही
यमपूजा का है विधान
मांगी थी सावित्री ने
यम से अपने पति का प्राण.
पाकर जीवन सत्यवान का
सौभाग्यवती कहलाई थी
सावित्री जैसी नारी की
ईश भी महिमा गाई थी.
अखंड सौभाग्य को देनेवाले
हे देव वृक्ष हे अक्षयवट
सुहाग अटल हो सुहागन की
नमन करते हैं श्रद्धा वत.
भारती दास ✍️

वट-सावित्री पूजा की हार्दिक शुभकामनाएं


11 comments:

  1. जी नमस्ते,
    आपकी इस प्रविष्टि् के लिंक की चर्चा शनिवार(२३-०५-२०२०) को 'बादल से विनती' (चर्चा अंक-३७१०) पर भी होगी
    चर्चा मंच पर पूरी पोस्ट अक्सर नहीं दी जाती है बल्कि आपकी पोस्ट का लिंक या लिंक के साथ पोस्ट का
    महत्वपूर्ण अंश दिया जाता है।
    जिससे कि पाठक उत्सुकता के साथ आपके ब्लॉग पर आपकी पूरी पोस्ट पढ़ने के लिए जाये।
    आप भी सादर आमंत्रित है
    **
    अनीता सैनी

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    1. धन्यवाद अनुराधा जी

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  3. वट वृक्ष की महिमा !!!
    बहुत ही सुन्दर...
    वाह!!!

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    1. धन्यवाद सुधा जी

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  4. This comment has been removed by the author.

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  5. सुंदर सृजन भारती जी👌👌👌

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    1. धन्यवाद सुधा जी

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  6. सुन्दर सृजन ... दर्शन का भाव लिए ...

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  7. धन्यवाद सर

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