Sunday, 8 December 2024

आंदोलन का तेवर लेकर


इतिहासों का पन्ना पढ़कर

आंदोलन का तेवर लेकर

धरा वक्ष पर रक्त बहाकर 

हक जताने आया दिसंबर।

शौर्य का टीका सजा ललाट पर 

गौरव गीता गाता विराट स्वर

प्रेम का परिचय देता पथ पर 

स्वागत करता हृदय मंच पर।

वे झुके नहीं थे ,नहीं थे कायर

देश धर्म पर शीश कटाकर

बलिदान हुये थे तेग बहादुर 

वे वीर रत्न है आज धरोहर।

गुरु गोविंद सिंह के पुत्र थे चार

निर्दय दुष्टों ने दिया था मार

था क्षोभ, रूदन था हाहाकार 

रोया था कण-कण जार-जार।

मंदिर तोड़ा मस्जिद जोड़ा 

निर्दोषों को उसने मारा

गांव-शहर-बस्ती  उजाड़ा 

क्रूर हिंसा से अहिंसा हारा।

करता आज भी अत्याचार 

है रोष घोष का स्वर अपार 

धीर मन करता है पुकार 

जब मानवता की होती हार।

भारती दास ✍️