Sunday, 31 July 2022

है श्रावणी का त्योहार

 चूड़ी बिंदी मेंहदी काजल

हंसता मुखड़ा उड़ता आंचल 

छन-छन धुन में बजती पायल

उदगार भरा है अपार

है श्रावणी का त्योहार....

हरीतीमा हर्षित हरियाली

सजे हैं झूले डाली-डाली

लड़ी हो जैसे हीरों वाली

नभ छलकाता रस धार

है श्रावणी का त्योहार....

आनंद अखंड रहे हरपल ही

मुख अरविंद सजे हरपल ही

जन अनुरागी बने हरपल ही

कर शैल सुता उपकार

है श्रावणी का त्योहार....

भारती दास✍️






10 comments:

  1. जी नमस्ते ,
    आपकी इस प्रविष्टि् के लिंक की चर्चा कल सोमवार(०१-०८ -२०२२ ) को 'अंश और अंशी का द्वंद्व'(चर्चा अंक--४५०८ ) पर भी होगी।
    आप भी सादर आमंत्रित है।
    सादर

    ReplyDelete
    Replies
    1. धन्यवाद अनीता जी

      Delete
  2. अति सुन्दर..,मनोहारी भावाभिव्यक्ति ।

    ReplyDelete
    Replies
    1. धन्यवाद मीना जी

      Delete
  3. बहुत सुंदर अभिव्यक्ति।

    ReplyDelete
    Replies
    1. धन्यवाद ज्योति जी

      Delete
  4. Replies
    1. धन्यवाद रचना जी

      Delete
  5. श्रावणी उत्सव की अनोखी छटा

    ReplyDelete
  6. धन्यवाद अनीता जी

    ReplyDelete