प्रमुख समस्या बनी है आज
मानते नहीं बच्चे बड़ों की बात
ज्ञान उपदेश वे नहीं समझते
भय दबाव से वे नहीं डरते
मोबाइल के संग में उलझे रहते
पढ़ाई-लिखाई में सहज न होते
माता पिता को समय नहीं है
गहन अनेकों तथ्य यही है
आसान नहीं है पालन पोषण
बाल निर्माण और अनुशासन
संग में उनके रहना पड़ता
हर मुश्किल को सुनना पड़ता
व्यवहार आचरण गढना पड़ता
चित्त को संयम रखना पड़ता
बाल मन को समझाना पड़ता
धीरज धारण करना पड़ता
माता पिता के कार्य कलाप
करते अनुसरण वे हर इक बात
थोड़ी कड़ाई थोड़ा प्यार
ना हो उपेक्षित सा व्यवहार
भावनात्मक हो उनका पोषण
हो व्यक्तित्व की जड़ों का सिंचन
बुरे लत का हो ना शिकार
सही दिशा में मिले संस्कार
जीवन बहार बन खिल जायेगा
आदर्श मिशाल वो बन जायेगा.
भारती दास ✍️
सुंदर सीख देता प्रेरक सृजन।
ReplyDeleteबहुत सुंदर प्रस्तुति।
धन्यवाद कुसुम जी
ReplyDeleteनियति वक्त से कौन लड़ सका है
ReplyDeleteआदर्श रचना
धन्यवाद विभा जी 🙏🙏
Deleteसही कहा है
ReplyDeleteधन्यवाद अनीता जी
Deleteबिल्कुल सही
ReplyDeleteबढ़िया रचना
धन्यवाद अनीता जी
ReplyDeleteधन्यवाद सरिता जी
ReplyDeleteबेहतरीन और सार्थक सृजन सखी
ReplyDeleteधन्यवाद अभिलाषा जी
Deleteबहुत सुंदर रचना।
ReplyDeleteधन्यवाद अनुराधा जी
Deleteवर्तमान परिदृश्य में अति सुन्दर रचना ।
ReplyDeleteधन्यवाद अमृता जी
ReplyDeleteबहुत सुंदर शिक्षाप्रद सृजन, भारती दी।
ReplyDeleteधन्यवाद ज्योति जी
Deleteथोड़ी कड़ाई थोड़ा प्यार
ReplyDeleteना हो उपेक्षित सा व्यवहार
भावनात्मक हो उनका पोषण
हो व्यक्तित्व की जड़ों का सिंचन
अति सुन्दर सृजन ।
धन्यवाद मीना जी
Deleteसमसामयिक समस्या पर महत्वपूर्ण रचना 🌷🙏🌷
ReplyDeleteधन्यवाद शरद जी
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