Sunday, 22 September 2024

देव ने सुंदर उपकार किया

 देव ने सुंदर उपकार किया

आंचल में बेटी उपहार दिया 

एक मनमोहक उदगार दिया

स्नेह का रूप आकार दिया 

जीवन में सुख संचार किया।

सौन्दर्य सरोवर चिर मंगल हो 

हृदय प्रणय से पूर्ण सकल हो

पथ उत्साह से भरे सफल हो 

मृदु अधर पर खिले कमल हो

तुमने स्वप्न साकार किया।

सब बाधाओं का कटार बनो

तुम चंडी सा अवतार बनो

है शक्ति तुममें स्वीकार करो

तुम जन-जन का आधार बनो

मैंने दुआ यही हर बार किया।

भारती दास ✍️ 


3 comments:

  1. सुंदर सृजन

    ReplyDelete
  2. धन्यवाद अनीता जी

    ReplyDelete
  3. पूरी कविता में एक प्यार है, एक गर्व है, और साथ ही वो आशीर्वाद भी जो हर बाप अपनी बेटी के लिए दिल से माँगता है। भाईसाब, ये कविता बस कविता नहीं है, जैसे किसी बाप का दिल बोल पड़ा हो। आपकी ये रचना सिर्फ तारीफ़ के लायक नहीं, ये वो चीज़ है जो पढ़ने वाले के मन में बेटी के लिए एक नई इज़्ज़त भर देती है।

    ReplyDelete