दृग बिछाये सारा जग ये
राह तेरी निहारते
थाल पूजा की सजाये
अपना तन-मन वारते.
कर मनोहर पुष्प माला
भक्त तुझको अराधते
दूर कर बाधा विधाता
मंत्र जप तप साधते.
तुम अगोचर हे महोदर
तुम ही मंगल मोद हो
ज्ञान पुण्य विवेक गौरव
तुम ही वैदिक बोध हो.
युगल पद में हे गजानन
सर झुका वर मांगते
हर विपत्ति दे सुबुद्धि
नाद स्वर से पुकारते.
भारती दास✍️
बहुत सुंदर स्तुति। गणपति महोत्सव की बधाई!!
ReplyDeleteबहुत बहुत धन्यवाद
Deleteआपको भी ढेरों शुभकामनाएं
आज मिथिला का चौरचन उत्सव भी है। बधाई😄🙏🙏
ReplyDeleteहां सर चौठचन्द्र की भी शुभकामनाएं
Deleteजय गणपति महाराज !!
ReplyDeleteधन्यवाद अनीता जी
ReplyDeleteगणेश चतुर्थी की ढेरों शुभकामनाएं
गणेश चतुर्थी के पावन पर्व की आप सबको बहुत बहुत बधाई और हार्दिक शुभकामनाएँ। भगवान श्री गणेश जी की कृपा से हम सबके जीवन में सुख समृद्धि बनी रहे।
ReplyDeleteगणपति बप्पा मोरया🙏
धन्यवाद रूपा जी
Deleteभगवान गणेश चतुर्थी पर सुंदर रचना । गणेश चतुर्थी की हार्दिक शुभकामनाएं और बधाई 💐💐
ReplyDeleteधन्यवाद जिज्ञासा जी
Deleteगणेश चतुर्थी की हार्दिक शुभकामनाएँ। गणेश जी के लिए सुंदर स्तुतिगान के लिए आपको बधाई।
ReplyDeleteधन्यवाद सर
ReplyDeleteहार्दिक शुभकामनाएँ।
ReplyDeleteधन्यवाद अमृता जी
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