नवरात्र महापर्व है
शक्ति का संधान है
अभीष्ट सिद्धि प्राप्ति का
श्रेष्ठ अनुष्ठान है
तन तपाते रहे
मन साधते रहे
मधुर आचरण से
सदभाव साजते रहे
वसुंधरा लगती नई
पावनता उदार है
उपासना-आराधना की
भावना अपार है
कठोर श्रम सदा करें
विकृति ना विराट हो
सृजन उद्देश्य से जुड़ें
सौभाग्यपूर्ण राष्ट्र हो
विश्व का वातावरण
दुश्चक्र से अब मुक्त हो
मनुष्य की अब चेतना
संस्कृति से अनुरक्त हो
साधना शालीनता से
शक्ति का हो अवतरण
असुरता को दे चुनौती
दंभ असुर का हो दमन
भारती दास ✍️
बहुत सुन्दर भावपूर्ण सृजन
ReplyDeleteधन्यवाद सर
Deleteबहुत सुंदर सृजन, प्रेरणा देते स्वर, माँ दुर्गा को शत शत प्रणाम !
ReplyDeleteधन्यवाद अनीता जी
ReplyDeleteबहुत सुंदर श्रद्धा भाव निवेदन। आभार और बधाई!!!
ReplyDeleteधन्यवाद सर
ReplyDeleteबहुत सुंदर सृजन, भारती दी। नवरात्रि की हार्दिक शुभकामनाएं।
ReplyDeleteधन्यवाद ज्योति जी
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