Friday, 30 October 2015

इन्दिरा प्रियदर्शिनी



माता-पिता की वो लाडली थी
बचपन में नाजों से पली थी
विरासत में राजनीति मिली थी
स्वभाव से वो बड़ी भली थी.
विघ्नों की दौर आन पड़ी थी
दादा-पिता पर कहर पड़ी थी
क्रांतिकारियों की लहर बड़ी थी
देश-प्रेम की भाव भरी थी.
सदभावना की आधार थी वो
अदम्य साहसी अपार थी वो
सुनती नहीं ललकार थी वो
मर मिटने को तैयार थी वो.
उनकी गुणों की ना तोल थी
वो नारी रत्न अनमोल थी
वो निर्भयता की मिशाल थी
दृढ़ता उनकी वेमिशाल थी.
बाधाओं ना डिगा सकी थी
अवरोधों ना मिटा सकी थी
दर्द-विषाद अनेक सही थी
विश्व-क्षितिज पर वो उभरी थी.
व्यक्तित्व कहाँ है ऐसी क्षमता
जिसमें हो करुणा मानवता
ह्रदय में जिसकी हो राष्ट्रीयता
राष्ट्रप्रेम की हो व्याकुलता.
प्रियदर्शिनी इन्दिरा कहलायी
उनसे प्रेरणा सबने पायी
राष्ट्र पर अपनी जान लुटायी
रक्त का कतरा-कतरा बहायी.
राजनीति को नये आयाम
दिया शक्ति के रूप तमाम
अंग रक्षक ने ले ली जान
इन्दिरा कोटि कोटि प्रणाम.   

Wednesday, 21 October 2015

विजय का महापर्व



सर्वजन हित के लिए
सर्वजन सुख के लिए
चौदह वर्ष राम तपे थे
असंख्य घोर वे कष्ट सहे थे
संवेदना भरी उनकी सजलता
पूर्ण साधना की प्रखरता
थी चेतना में प्रबलता
लक्ष्य में उनकी छिपी पूर्णता
क्षमा-दया-श्रद्धा-मर्यादा
जप-तप-ध्यान-दान व नम्रता
दस विद्या से शोभित थी क्षमता
धर्मयुद्ध में साथ थी माताaaA
नत मस्तक हुए थे राम
विजय का उनको मिला वरदान.
परम तपस्वी था वो रावण
तोड़ दिया सारा अनुशासन
शिव शक्ति के वो था भक्त
बना दुराचारी हरवक्त
आतंकी व्याभिचारी बना था
मर्यादा सब छोड़ चला था
अनीति-अत्याचार-आतंक
ये सदा देते हैं डंक
आदिशक्ति ने दिया वरदान
रावण तेरा हो कल्याण
लंका बनी भूमि श्मशान
दर्प मिटा और मिटा अभिमान
राम की विजय रावण का पराभव
विजयी पर्व है दोनों का अनुभव
ये महापर्व देता है सीख
होती सदा ही न्याय की जीत.         
. HAPPY VIJYADASHMI      

Friday, 16 October 2015

दुर्गा दुर्गति नाशनि



                दुर्गा दुर्गति नाशिनि
            दुर्गा दुर्मति नाशिनि
            जयति जय जय शिखर वासिनी
            जयति जय जय मधुर लोचनी
            जयति जय जय अधर मोहिनी
            जयति जय जय असुर नाशिनी
            दुर्गा दुर्गति नाशिनी
            दुर्गा दुर्मति नाशिनी
            जयति जय जय सिंह वाहिनी
            जयति जय वरदंड धारिणी
            जयति जय जय मंद हासिनी
            जयति जय आनंद दायिनी
            दुर्गा दुर्गति नाशिनी
            दुर्गा दुर्मति नाशिनी
            जयति जय जय प्रनत पालिनी
            जयति जय जय जगत तारिणी
            जयति जय जय समस्त दायिनी
            जयति जय जगदंब व्यापिनी
            दुर्गा दुर्गति नाशिनी
            दुर्गा दुर्मति नाशिनी