Saturday, 3 December 2022

गीता वचन शुभ ज्ञान है

 पापमोचन -तापशोषण 

गीता वचन शुभ ज्ञान है,

कृष्ण की वाणी सुहानी से

सुखद मन प्राण है.

जन्म जीवन का जहां है

मौत निश्चित है वहां 

मत शोक कर हे पार्थ तुम

यही सत्य है हरदम यहां.

जो आज तेरा है यहां

वो दूसरे का होगा कल

क्या खोया है तुमने यहां पर 

जिसके लिए तेरा मन विकल.

जो होना है होकर रहेगा 

तू व्यर्थ में चिंता न कर 

कर्म ही कर्त्तव्य केवल 

फल जो विधाता दे मगर.

न अतीत में न भविष्य में

जीवन अभी इसी पल में है 

परिणाम की न कर आकांक्षा 

कर्म से ही पथ सफल है. 

आस्था न हो दूषित 

ये ग्रंथ कर्म प्रधान है

दुर्दशा न हो कभी

उस वचन का जो महान है.

भारती दास ✍️



8 comments:

  1. सुंदर गीता ज्ञान

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    1. धन्यवाद अनीता जी

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  2. भावपूर्ण सृजन

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  3. सच लिखा गया है अति सुन्दर

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  4. बहुत ही भावपूर्ण ... कृत करते भाव ...

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