पापमोचन -तापशोषण
गीता वचन शुभ ज्ञान है,
कृष्ण की वाणी सुहानी से
सुखद मन प्राण है.
जन्म जीवन का जहां है
मौत निश्चित है वहां
मत शोक कर हे पार्थ तुम
यही सत्य है हरदम यहां.
जो आज तेरा है यहां
वो दूसरे का होगा कल
क्या खोया है तुमने यहां पर
जिसके लिए तेरा मन विकल.
जो होना है होकर रहेगा
तू व्यर्थ में चिंता न कर
कर्म ही कर्त्तव्य केवल
फल जो विधाता दे मगर.
न अतीत में न भविष्य में
जीवन अभी इसी पल में है
परिणाम की न कर आकांक्षा
कर्म से ही पथ सफल है.
आस्था न हो दूषित
ये ग्रंथ कर्म प्रधान है
दुर्दशा न हो कभी
उस वचन का जो महान है.
भारती दास ✍️
सुंदर गीता ज्ञान
ReplyDeleteधन्यवाद अनीता जी
Deleteभावपूर्ण सृजन
ReplyDeleteधन्यवाद सर
ReplyDeleteसच लिखा गया है अति सुन्दर
ReplyDeleteधन्यवाद सर
Deleteबहुत ही भावपूर्ण ... कृत करते भाव ...
ReplyDeleteधन्यवाद सर
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