Sunday, 29 May 2022

हे सर्वस्व सुखद वर दाता

 हे सर्वस्व सुखद वर दाता

चिर आनंद जहां पर पाता

हरी भरी सी सुभग छांव में 

हंसते गाते सब सहज गांव में 

उस मनहर बरगद की छाया

जहां विद्व जन वेद को ध्याया

पतित पावन अति मनभावन 

मोक्ष प्रदायक रहते नारायण

जप तप स्तुति धर्म उपासना

योगी यति करते हैं कामना

ब्रह्म देव श्री हरि उमापति

कष्ट क्लेश हरते हैं दुर्मति

यमदेव हर्षित वर देते

आंचल में खुशियां भर देते

सत्यवान ने नव जीवन पाई

मुदित मगन सावित्री घर आई

करती प्रार्थना सभी सुहागिन 

वैसे ही सौभाग्य बढ़ती रहे हरदिन.

भारती दास ✍️









19 comments:

  1. धन्यवाद सर

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  2. वाह बहुत सुंदर |

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  3. धन्यवाद अनुपमा जी

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  4. बरगद अमावस्या पर बेहतरीन प्रस्तुति ।

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    1. धन्यवाद संगीता जी

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  5. बहुत सुंदर अभिव्यक्ति, भारती दी।

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    1. धन्यवाद ज्योति जी

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  6. बहुत सुंदर अभिव्यक्ति।

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    1. धन्यवाद अनुराधा जी

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  7. सुंदर सृजन

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  8. धन्यवाद कामिनी जी

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  9. धन्यवाद सर

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  10. वाह!!!
    बहुत ही सुन्दर सृजन।

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  11. धन्यवाद सुधा जी

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  12. भारती जी ससम्मान नमस्कार ,

    सुन्दर ! अति सुन्दर रचना !

    मेरे पोस्ट पर आपको हार्दिक आमंत्रण है अपनी अनमोल प्रतिक्रिया दे । आपकी प्रतिक्रिया मेरे लिए ऊर्जा तुल्म है ।

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  13. धन्यवाद सर

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