बिहार विभूति वशिष्ठ नारायण
थे भारत के गणितज्ञ महान
जीवन भर जो रहे तपस्वी
करुण हुआ उनका अवसान.
विदेशों में कीर्ति बिखेर कर
बने विश्व की वे पहचान
जीनियसों के जीनियस कहलाये
पथ अभिशापित क्यों हुआ तमाम.
दुख विभावरी छलना बनकर
अंधकार में लिया समेट
विक्षिप्त हो गये हुये विलीन
दर्द-वेदना की चढ गये भेंट.
आपदाओं की अभिवृष्टि ने
उर को आहत किया अथाह
व्यथा-निराशा कठोर सी पीड़ा
अवशाद-विषाद से उठे कराह.
उनकी दशा पर मेदिनी रोयी
गगन भी शोक मनाता रहा
उखड़ी सांसे स्पंदन टूटा
बेजान थका तन सोता रहा.
थे अलौकिक ज्ञान की मूर्ति
प्रबुद्ध-शुद्ध विराट महान
चिर नमन है उन्हें जगत का
स्मरणीय हो उनका हर काम.
भारती दास ✍️
थे भारत के गणितज्ञ महान
जीवन भर जो रहे तपस्वी
करुण हुआ उनका अवसान.
विदेशों में कीर्ति बिखेर कर
बने विश्व की वे पहचान
जीनियसों के जीनियस कहलाये
पथ अभिशापित क्यों हुआ तमाम.
दुख विभावरी छलना बनकर
अंधकार में लिया समेट
विक्षिप्त हो गये हुये विलीन
दर्द-वेदना की चढ गये भेंट.
आपदाओं की अभिवृष्टि ने
उर को आहत किया अथाह
व्यथा-निराशा कठोर सी पीड़ा
अवशाद-विषाद से उठे कराह.
उनकी दशा पर मेदिनी रोयी
गगन भी शोक मनाता रहा
उखड़ी सांसे स्पंदन टूटा
बेजान थका तन सोता रहा.
थे अलौकिक ज्ञान की मूर्ति
प्रबुद्ध-शुद्ध विराट महान
चिर नमन है उन्हें जगत का
स्मरणीय हो उनका हर काम.
भारती दास ✍️