Friday, 13 June 2025

विमान के विनाश का पल

 विमान के विनाश का पल

देखकर नेत्र हो गये सजल

ज्वालामुखी सा भीषण विस्फोट 

कैसे हुआ, है किसकी खोट

अनगिनत लाशों को लपेट  

लोहित अस्थियों को समेट

काल का तांडवमय सा नृत्य 

मूर्छित मुख श्मशान सा दृश्य 

क्रंदनमय था हाहाकार 

स्तब्ध लोग सुने चीख पुकार 

करूण विलाप विकल सी नाद

दर्द वेदना अगम सी विषाद 

अफ़रा तफ़री दौड़ धूप 

मृत्यु अथाह वीभत्स रूप 

किसे पता था है अंतिम क्षण 

अब नहीं होगा अपनों से मिलन

नन्हे नन्हे मासूम अनेक 

भेंट मौत के चढ़े प्रत्येक 

हे ईश्वर उन्हें सद्गति देना

निज चरणों की अनुरक्ति देना 

उन परिजन को शक्ति देना 

जिनका कुंज हो गया है सूना।

भारती दास ✍️ 


7 comments:

  1. उन परिजन को शक्ति देना

    जिनका कुंज हो गया है सूना।
    ह्रदय विदारक अभिव्यक्ति

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  2. बहुत बहुत धन्यवाद शालिनी जी

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  3. मार्मिक रचना

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    1. बहुत बहुत धन्यवाद अनीता जी

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  4. सच में एक घटना जो झकझोर गई अन्दर तक ...

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  5. बहुत बहुत धन्यवाद सर

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  6. बहुत बहुत धन्यवाद

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